- तीस हजारी कोर्ट में शनिवार काे पुलिस और वकीलों के बीच हिंसक झड़प हुई थी
- झड़प में एक वकील को गोली लगी थी और 20 से अधिक पुलिसकर्मी और 8 वकील घायल हुए थे
इंदौर. तीस हजारी कोर्ट में शनिवार काे पुलिस और वकीलों के बीच हिंसक झड़प के बाद वकीलाें में गुस्सा है। घटना के विराेध स्वरूप सोमवार को शहरभर के वकीलों ने काम बंद कर दोषी पुलिसकर्मियों के गिरफ्तारी की मांग की। बता दें कि झड़प में एक वकील को गोली लगी थी और 20 से अधिक पुलिसकर्मी और 8 वकील घायल हुए थे।
मामले को दिल्ली हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान में लेकर न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं। हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस एसपी गर्ग 6 हफ्ते में रिपोर्ट सौंपने कोर्ट को सौंपेंगे। अदालत ने दिल्ली पुलिस के स्पेशल कमिश्नर संजय सिंह और एडिशनल डीसीपी हरेंद्र सिंह को जांच जारी रहने तक ट्रांसफर करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही कहा है कि पुलिस वकीलों के खिलाफ कोई बलपूर्वक कार्रवाई न करे।
इंदौर जिला न्यायालय अभिभाषक संघ के अध्यक्ष सुरेंद्र वर्मा ने बताया कि पार्किंग की समस्या को लेकर वकीलों पर पुलिस द्वारा बर्बरतापूर्वक की गई कार्रवाई का इंदौर अभिभाषक संघ विरोध करता है। सभी प्राचीन न्यायालयों में पार्किंग की समस्या है, जिसे दूर करने की बजाय पुलिस ने निहत्थे वकीलों पर लाठीचार्ज किया गया। इस जघन्य कांड के विरोध में कार्यकारिणी की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि दिल्ली पुलिस द्वारा की गई अभद्रता के विरोध में वकील न्यायालयीन काम नहीं करेंगे। वकीलों ने दोषी पुलिसकर्मियों पर जल्द से जल्द कार्रवाई की मांग की है।
हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस के कमिश्नर अमूल्य पटनायक को घायल वकीलों के बयान और एफआईआर दर्ज कर इसकी कॉपी अदालत में पेश करने का निर्देश दिया। वहीं, आरोपी पुलिसकर्मियों को तुरंत निलंबित करने के लिए कहा है। साथ ही दिल्ली सरकार से कहा है कि गंभीर रूप से घायल वकील विजय वर्मा को 50,000 और दूसरे घायलों को 10,000 से 15,000 रुपए का मुआवजा दिया जाए। सभी घायलों का इलाज विशेषज्ञ डॉक्टरों से कराया जाए। वहीं, दिल्ली बार काउंसिल ने आईसीयू में भर्ती दो वकीलों के लिए 2 लाख रुपए और अन्य जख्मी वकीलों को 50,000 रुपए देने की घोषणा की।
दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में वकीलों के साथ हुई मारपीट के विरोध में वकीलों ने काम बंद किया